होली मिलन समोराह एवं सभागार लोकार्पण सेवा भारती समिति काशी प्रान्त

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वर्तमान के सेवा ग्रहणकर्ता ही बनेंगे भविष्य के सेवा प्रदाता। -युद्धवीर

काशी। सेवा विभाग/सेवा भारती का उद्देश्य है कि जो आज सेवा लेने वाले हैं, वो कल सेवा देने वाले बनें। यह तभी संभव है जब शिक्षित, संभ्रात वर्ग इन वंचित, पीड़ित एवं अभावग्रस्त जनों की शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कार और रोजगार की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए कुछ समय दें और कुछ धन। उक्त विचार सेवा भारती, काशी प्रान्त के कार्यालय माधव सेवा प्रकल्प, चन्दापुर, लोहता स्थित नव निर्मित सभागार के उद्घाटन के अवसर एवं होली मिलन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सेवा प्रमुख युद्धवीर जी ने कहे। सेवा भारती के कार्यों के सन्दर्भ में मुख्य वक्ता ने बताया अभी हमने गीत सुना “देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें”। देश में करोड़ों लोगों का ऐसा वर्ग है, जो सुदीर्घ काल से विभिन्न जीवनोपयोगी संसाधनों से वंचित है। इनको शेष प्रगत समाज के साथ लाते हुए राष्ट्रनिर्माण के कार्य में सम्मिलित करना, यही संघ द्वारा सेवा का उद्देश्य है। सेवा दो प्रकार से होती है: पहला जीवन रक्षण, दूसरा जीवन निर्माण। जीवन निर्माण में सेवा भारती द्वारा काशी प्रांत में शिक्षा के 237, स्वास्थ्य के 37, स्वावलंबन के 86 एवं सामाजिक के कुल 28 केंद्र चल रहे हैं। मुख्य वक्ता ने होलीका दहन और होली महोत्सव के प्रामाणिक कथाओं का वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार भक्त प्रहलाद को हिरण्यकश्यप ने हर तरह से मारने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा। बहन होलिका से कहा कि तुम प्रहलाद को अपनी गोदी में लेकर अग्नि में बैठ जाओ, जिससे वह जलकर भस्म हो जाएगा। वह भाई की बात को मानकर अपने भतीजे प्रहलाद को गोदी में लेकर अग्नि में बैठ गई। उस दिन फाल्गुन माह की पूर्णिमा थी। सद्वृत्ति वाले प्रहलाद का अहित करने के प्रयास में होलिका तो स्वयं जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद श्रीहरि विष्णु का नाम जपते हुए अग्नि से बाहर आ गया। होली की परंपरा की एक शुरुआत पूतना वध से भी मानी जाती है। गोकुलवासियों ने पूतना का पुतला जलाया, जो बाद में होलिका दहन के रूप में प्रचलित हुआ। होली की एक कथा शिव-पार्वती के विवाह और प्रेम के देवता कामदेव से भी जुड़ी हुई है। वक्ता ने आगे बताया कि आज माधव सेवा प्रकल्प पर दो सभागारों का लोकार्पण हुआ: मदन जी सभागार और अहिल्या बाई होल्कर सभागार, जो कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के 300वीं जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रखा गया है। उन्हें शासन, दूरदृष्टि और न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है। माधव सेवा प्रकल्प, जो संघ के द्वितीय सरसंघचालक के नाम पर रखा गया है, इसके निर्माण में सैकड़ों देव दुर्लभ कार्यकर्ताओं का योगदान रहा है। समाज का काम समाज के ही आधार पर चलता है।

मुख्य अतिथि डॉ. के लक्ष्मण (राज्य सभा सांसद, राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछड़ा मोर्चा भाजपा) ने सभागार के उद्घाटन किया और बताया कि मैं जनप्रतिनिधि सांसद, मंत्री बनने नहीं आया, राष्ट्र और माँ भारती के लिए कुछ कर पाएं, राजनीति में आने का उनका यह उद्देश्य है। अहिल्याबाई होल्कर सभागार के निर्माण में अपना सहयोग दे पाने के लिए सेवा भारती समिति का धन्यवाद देते हुए कहा कि यह परम सौभाग्य का विषय है जो सेवा के इस कार्य के लिए मुझे मौका मिला। इस सभागार से दक्षिण से आने वाले लाखों श्रद्धालु अब काशी के इस सभागार में रह सकेंगे।

काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक श्री रमेश जी ने विश्व कल्याण की कामना के साथ सभी को होली की बधाई दी और सभी से आग्रह किया कि जो पिछड़ गए उन्हें आगे लाना हम सभी का कार्य है। भारत वसुधैव कुटुंबकम का देश है, इसलिए सभी के जीवन निर्माण में समाज का योगदान होना चाहिए। हम किन कारणों से पिछड़े, उस पर उन्होंने प्रकाश डाला कि किस प्रकार समाज में आपस में भेदभाव आया, जिसकी वजह से हम काफी पिछड़ गए। लेकिन अब देश बदल रहा है, जिसका प्रमाण महाकुंभ है, जिस प्रकार से लोग एक ही जगह अमीर, गरीब, महिला, पुरुष सभी लोग स्नान कर रहे हैं। 50 करोड़ से अधिक लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई और प्रत्येक भारतवंशी ने, जिसको जितनी श्रद्धा थी, सभी के लिए भोजन, पानी, रहने की व्यवस्था की। यह भारत का मौलिक स्वभाव है सभी के लिए कुछ करने का। संघ का यही उद्देश्य है कि सब एक-दूसरे के लिए खड़े रहें, सभी का सहयोग यथासंभव करें।

कार्यक्रम का प्रारंभ मंगलाचरण और सभागार के लोकार्पण से हुआ। इसके बाद अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया और प्रकल्प की बहनों ने दीप ज्योति स्तुति की। उसके उपरांत अतिथियों का परिचय और स्वागत किया गया। उनके स्वागत में बहनों ने शक्ति गीत गाकर स्वागत किया। प्रकल्प पर चल रहे विभिन्न केंद्रों के बारे में श्री पवन कुमार (सह प्रांत सेवा प्रमुख) ने सबको अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सेवा भारती समिति काशी का रेजिस्ट्रेशन 1994 में हुआ और इस प्रकल्प का 2006 में तब से इस प्रकल्प के माध्यम से समाज में अनेकों परिवर्तन आए। उन्होंने बताया कि सेवा भारती द्वारा श्रमिक बस्ती में चलाए जाने वाला बाल संस्कार केंद्र है, जिसमें बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, राष्ट्रप्रेम का भाव जगाया जाता है। उसके उपरांत प्रकल्प की बहन ने होली नृत्य प्रस्तुत किया। बाल संस्कार केंद्र के बच्चों ने अपना अनुभव बताया, मुख्य वक्ता के उद्बोधन के बाद स्वावलंबन केंद्र की बहनों द्वारा फगुवा गीत गाया।

कार्यक्रम का समापन श्री राहुल सिंह (अध्यक्ष, सेवा भारती समिति) के उद्बोधन से हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया, विशेष रूप से माताओं, बहनों का जो अपना बहुमूल्य समय सेवा भारती समिति को दिया। संगठन की प्रेरणा से ही उनके जीवन में संस्कार का संचार हो पाया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अथिति के रूप में प्रसिद्ध उद्योगपति श्री राजकुमार यादव (डायरेक्टर आर.यल.ग्रुप) और अभय सिंह जी (सूर्या होटल वाराणसी) के साथ बड़ी संख्या में काशी प्रांत में रहने वाले संघ के स्वयंसेवकों सहित काशी महानगर में रहने वाले गड़मान्य लोग भी उपस्थित रहे। संगठन मंत्र और भोजन मंत्र के उपरांत सभी ने प्रकल्प दर्शन किया और भोजन भी ग्रहण किया। मंच का संचालन श्री ज्युत राम विश्वकर्मा (महामंत्री सेवा भारती समिति) ने किया।

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